अगर, नीतीश केंद्र में गए तो बिहार में क्या होगा?:BJP से CM और JDU से डिप्टी CM हो सकता है, MLC और उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल में बदलाव संभव : बिहार मंत्रिमंडल में फेरबदल संभव है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री राज्यसभा सांसद बन सकते हैं और BJP से कोई CM बनेगा। जबकि, नीतीश कुमार उन सभी कयासों को झुठला चुके हैं कि ऐसा कुछ होने वाला है। उन्होंने साफ कहा कि मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है कि अप्रैल में कुछ होगा।
वजह साफ है कि BJP अभी 77 विधायकों के साथ बिहार में नंबर वन पार्टी है। ऐसे में BJP भी चाहेगी कि हमारे नेतृत्व में सरकार बने। हालांकि, यह सब कुछ BJP और JDU की आपसी सहमति के बाद ही संभव है। अभी बिहार में विधान परिषद का स्थानीय निकाय वाला चुनाव है। साथ ही बोचहां विधानसभा का उपचुनाव होने वाला है। दोनों चुनाव के बाद ही यह तय हो पाएगा कि बिहार की राजनीति की ऊंट किस करवट बैठेगी।
इन्हें मिल सकती है जिम्मेदारी
चर्चाओं की मानें तो बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाने वाले हैं। उनकी केंद्र वाली भूमिका पर अलग-अलग राय है। किसी के मुताबिक, CM नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनेंगे तो किसी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय जैसा भारी भरकम जिम्मेदारी दी जा सकती है। अब बात यहां आकर रुकती है कि यदि नीतीश कुमार दिल्ली की राजनीति में चले जाते हैं तो बिहार का अगला CM कौन होगा। BJP की तरफ से CM के लिए तीन नामों पर चर्चा तेज है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के नाम पर चर्चा तेज है। (फाइल फोटो)
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय इस रेस में सबसे आगे हैं। उनके साथ सकारात्मक पहलू यह है कि वो यादव है और बिहार में लालू यादव परिवार से सीधा मुकाबला कर सकते हैं। राय केंद्र के नेताओं के काफी करीब है। वहीं, तारकिशोर प्रसाद को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह अभी बिहार के उप मुख्यमंत्री है। जातीय समीकरण के मुताबिक, पिछडे़ समाज से आते हैं। इसके बाद सम्राट चौधरी का नाम आता है। ये जाति से कुशवाहा है। बहुत जल्द इन्होंने भाजपा में अपनी छवि एक कड़क नेता की बना ली है। केंद्रीय नेतृत्व के भी यह काफी नजदीक है।
नीतीश के विश्वासपात्र ही होंगे उप मुख्यमंत्री
इधर, बात JDU की करें तो वहां से उप मुख्यमंत्री के लिए भी कुछ नाम है, जिसे यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। उप मुख्यमंत्री के तौर पर उपेंद्र कुशवाहा का नाम पहले नम्बर पर आता है। CM नीतीश कुमार से नजदीक है और अभी तक इन्हें कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इनका जातीय समीकरण भी उप मुख्यमंत्री के पोस्ट के लिए फिट है। वहीं, दूसरा नाम और तीसरा नाम ललन सिंह और विजय चौधरी का है। दोनों की जाति भूमिहार है और ये अगडे़ समाज से आते हैं। यदि BJP की तरफ से पिछड़ा फेस दिया जाएगा तो, इन दोनों में से एक उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वही, अशोक चौधरी भी इस रेस में है। दलित समाज से आने वाले अशोक चौधरी तेज तर्रार नेता माने जाते हैं। इन सबके बावजूद अंतिम फैसला नीतीश कुमार का होगा, वो किसे उप मुख्यमंत्री बनाते हैं।
MLC चुनाव और बोचहां उपचुनाव के बाद ही कुछ संभव
इन चर्चाओं के बीच वरिष्ठ पत्रकार अरुण पाण्डेय कहते हैं कि ऐसी कोई राजनीतिक घटना हाल के समय घटे, इसकी संभावना कम दिखती है। यदि कुछ संभव है तो वो मंत्रिमंडल के विस्तार की है। VIP से तीन विधायक जो BJP में शामिल हुए हैं उनमें से किसी एक को मंत्री बनाया सकता है। वैसे भी सब कुछ निर्भर बोचहां विधानसभा के उपचुनाव और विधान परिषद के स्थानीय निकाय चुनाव के बाद ही संभव है। नीतीश कुमार बिहार के शासन को बेहतर तरीके से चला रहे हैं। BJP की तरफ से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन जो चर्चाएं है वो चल रही है। राजनीति में ये सभी बातें होती रहती है।