बलिया : बेगूसराय जिले के बलिया प्रखंड क्षेत्र में मकर संक्रंति की तैयारी दिख रही है। जगह-जगह टेंट और दुकान में तिलकुट और लाइ की बिक्री खूब हो रही है। शहर के कई क्षेत्रों में बाहर से कारीगर लाकर दुकानों में तिलकुट बनाया जा रहा है।
कोरोना काल के बाद त्योहारों के उत्साह को देखते हुए व्यापारियों और तिलकुट बनाने वाले कारीगरों को बेहतर बिक्री की आस है। हालांकि पिछले वर्ष से तिल की कीमत में करीब 20 प्रतिशत उछाल का असर भी बाजार पर दिख रहा है।
डाइबटिज रोगियों के लिए शुगर फ्री तिलकुट भी उपलब्ध है
बलिया बाजार में हाई स्कूल के सामने शशि रवि पूजा घर में इस बार कई तरह के तिलकुट और लाइ मौजूद हैं। तिलकुट पारंपरिक रूप से तिल,चीनी या गुड़ से बनाया जाता है। मगर इस बार फ्लेवर तिलकुट भी दुकान में मौजूद है। इसमें इलायची वाले तिलकुट की कीमत 360 रुपये तथा सौंफ वाले तिलकुट की कीमत 360 रुपये है। वहीं इस दुकान में डाइबटिज रोगियों के लिए शुगर फ्री तिलकुट भी उपलब्ध है।
खोवा की बढ़ी मांगः
बाजार में मकर संक्रांति के लिए लाई और तिलकुट बनाने के लिए खोवा की भी मांग बढ़ी है। खोवा से बने तिलकुट और लाइ को लोग काफी पसंद करते हैं। इसके अलावा तिल बिस्कुट, गजक, रेवड़ी, रामदाना लाई, सफेद तिल का लड्डू, काला तिल का लड्डू आदि की मांग भी काफी है। तिल शरीर को गर्म रखता है। इसलिए लोग ठंड बढ़ने के साथ तिल का इस्तेमाल काफी ज्यादा करते हैं।
चुड़ा का भी बढ़ा भावः
इस बाजार में चुड़ा का भी भाव बढ़ा हुआ है। व्यापारी बता रहे हैं कि नए धान का चुड़ा अभी धीरे-धीरे बाजार में पहुंच रहा है। इससे रेट में फर्क पड़ेगा। मगर चुड़ा का दाम 14 जनवरी के बाद ही सामान्य होगा। बाजार में कतरनी चुड़ा का दाम 90 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। वहीं मोटा चुड़ा 40 रुपये किलो है।