पड़ोस में फैल रहा कोरोना, टेंशन में भारत, समझिए खतरे की कितनी बात


 नई दिल्ली : देश में कोरोना की रफ्तार भले ही कम हो रही है लेकिन पड़ोसी देशों में कोरोना के बढ़ रहे मामलों ने टेंशन बढ़ा दी है। चीन, हॉन्गकॉन्ग समेत एशिया और यूरोप के अन्य देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। चीन ने कोरोना पर लगाम के लिए कुछ इलाकों में बेहद सख्त लॉकडाउन लगाया है। चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों के पीछे ओमीक्रोन का सब वेरिएंट BA.2 सामने आया है। यह ओमीक्रोन से कहीं अधिक संक्रामक है। वहीं, यूरोप में बढ़ रहे मामलों के पीछे डेल्टाक्रोन को बताया जा रहा है। हालांकि, देश में अभी कोरोना के डेली मामले पिछले कई दिन से 3 हजार से कम दर्ज किए जा रहे हैं।

1. चीन, हॉन्गकॉन्ग में बढ़ रहे मामले
चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने भारत समेत दुनिया के कई देशों को टेंशन में डाल दिया है। चीन में कोविड-19 संक्रमण के नए मामले मंगलवार को दोगुने होकर 3,507 पहुंच गए। इनमें से तीन-चौथाई अकेले जिलिन प्रांत में थे। इसके साथ हांगकांग में सोमवार को संक्रमितों की संख्या 26,908 थी। शेंजेन एवं चांगचुन में खानपान, ईंधन एवं अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी कारोबार बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बस एवं मेट्रो सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। वहां के लाखों निवासियों को संक्रमण की जांच कराने को कहा गया है। चीन के ग्वांगडोंग, शंघाई, शेडोंग और जिलिनचीन में एक दिन में स्थानीय स्तर पर संक्रमण के 1,860 नए मामले दर्ज किए गए।

2. पाकिस्तान : दक्षिणी सिंध प्रांत सबसे अधिक प्रभावित
पाकिस्तान में भी कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां दक्षिणी सिंध प्रांत में अब तक कोरोना के 572,555 मामले सामने आ चुके हैं। यह देश का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। इसके बाद पूर्वी पंजाब प्रांत है, जहां कोरोना के 504,045 मामले दर्ज किए गए हैं। पाकिस्तान में बीते 24 घंटे में कोरोना के 493 नए मामले सामने आए। यह जानकारी नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने बुधवार को दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के खिलाफ देश के अभियान का नेतृत्व करने वाले विभाग एनसीओसी ने कहा कि देश में पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 1,520,120 हो गई है, जबकि उनमें से 1,472,291 रिकवर हो गए हैं। एनसीओसी के आंकड़ों के अनुसार, देश में डेथ रेट में हाल ही में गिरावट देखी गई। मंगलवार को 4 लोगों की मौत हो गई, जिससे मौतों की कुल संख्या बढ़कर 30,317 हो गई।

3. नई लहर का भारत पर नहीं होगा असर
चीन में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर देश के एक्सपर्ट की अलग राय है। महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि कई देश करीब एक-दो महीने पहले ओमीक्रोन की वेव झेल चुके हैं। अब वहां स्थिति बिल्कुल नियंत्रण में हैं। नई लहर में वायरस का अधिकतर प्रसार उन देशों में फैल रहा है जहां पहले इसका अधिक प्रसार नहीं हुआ था। इस वक्त कई छोटे देशों में यह तेजी से फैल रहा है। लहारिया के अनुसार चूंकि भारत पहले ही ओमीक्रोन की लहर को झेल चुका है इसलिए चीन में कोरोना मामलों के बढ़ने का भारत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि ‘लोगों कोविड उपयुक्त व्यवहार को अपनाना चाहिए खासतौर से सार्वजनिक स्थलों पर। लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए।’

चीन कोरोना को लेकर जीरो-टॉलरेंस की पॉलिसी पर चल रहा है। कम केस आने पर ही वह पूरे शहर में लॉकडाउन लगा देते हैं। इसलिए चीन से किसी अन्य देश पर फर्क पड़ना मुमकिन नहीं है। भारत को इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता हमेशा बरतनी है।
– डॉ. चंद्रकांत लहारिया, महामारी एक्सपर्ट

4. हॉन्गकॉन्ग में क्यों बढ़ रहे केस
चीन और हॉन्गकॉन्ग में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एम्स के पूर्व डीन और इम्युनोलॉजिस्ट डॉ. एनके मेहरा का कहना है कि हॉन्ग कॉन्ग में, वैक्सीनेशन रेट कम है। ऐसे में मौजूदा समय में वहां केस बढ़ने और उसके खतरनाक रूप धारण करने की ये सबसे बड़ी वजह हो सकती है।’ डॉ. मेहरा का कहना है कि भारत कोरोना की आने वाली लहर को टाल सकता है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे दो बड़ी वजहे हैं। पहला, ज्यादातर भारतीय वायरस के संपर्क में आ चुके हैं और वे स्वाभाविक रूप से इम्युनिटी प्राप्त कर चुके हैं। दूसरा, देश में लगभग सभी वयस्क और बड़ी संख्या में 15 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

5. WHO ने केस बढ़ने की दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कम टेस्ट और कई हफ्तों के संक्रमण में गिरावट के बावजूद, कोविड -19 मामलों में वैश्विक बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि विशेष रूप से एशिया के कुछ हिस्सों में मामले बढ़ रहे हैं। वैक्सीनेशन कवरेज को बढ़ाने और महामारी प्रतिक्रिया उपायों को उठाने में सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा कि कम टेस्ट के बावजूद विश्व स्तर पर मामले तेजी से बढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि निरंतर स्थानीय प्रकोप और वृद्धि की उम्मीद की जा रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां संचरण को रोकने के उपायों को हटा दिया गया है।

6. दुनियाभर में कोरोना से होने वाली मौत में कमी
दुनियाभर में पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौत के मामलों में 17 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है जबकि संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ ने महामारी पर अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि पिछले हफ्ते 1.1 करोड़ नए संक्रमित मिले जो पिछले हफ्ते की तुलना में 8% अधिक हैं जबकि 43,000 और लोगों की जान चली गई। कोविड के कारण दुनियाभर में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले तीन हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है।

7. पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र, अफ्रीका में बढ़े केस
संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र और अफ्रीका में बढ़े हैं। पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में 29% और अफ्रीका में कोरोना केस में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका में 20% से ज्यादा मामले कम हुए हैं। यूरोप में करीब दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कई देशों ने कोविड-19 जांच की अपनी रणनीति को बदला है और वे अब कम नमूनों की जांच कर रहे हैं जिससे नए मामलों का पता नहीं चल पा रहा है।

8. अफ्रीका में कोरोना मामले 1.13 करोड़ के करीब पहुंचे
अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) का कहना है कि अफ्रीका में कोविड-19 केस की संख्या 1,12,84,902 पहुंच गई है। अफ्रीकी संघ की विशेष स्वास्थ्य सेवा एजेंसी के अनुसार पूरे महाद्वीप में कोविड-19 की मौत का आंकड़ा 2,50,403 के करीब है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अफ्रीका सीडीसी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका, मोरक्को, ट्यूनीशिया और लीबिया महाद्वीप पर सबसे अधिक मामलों वाले देशों में शामिल है। दक्षिण अफ्रीका ने अफ्रीका में 36,95,175 मामलों के साथ सबसे अधिक कोविड-19 मामले दर्ज किए हैं। इसके बाद दो उत्तरी अफ्रीकी देशों मोरक्को और ट्यूनीशिया में क्रमश: 11,62,125 और 10,29,762 मामले दर्ज किए गए हैं।

9. अमेरिका में बढ़ते मामलों के पीछे BA.2 सब वेरिएंट
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रॉन वेरिएंट का बीए 2 सब वेरिएंट अब अमेरिका में लगभग एक चौथाई नए कोविड -19 संक्रमण का कारण बन गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह डेटा सिर्फ एक हफ्ते पहले 10 में से 1 नए मामले से ऊपर है। सीडीसी के आंकड़ों के अनुसार, बीए.2 सब वेरिएंट देश में तेजी से फैल रहा है। अमेरिका में संक्रमण लगभग हर हफ्ते दोगुना हो रहा है। प्रारंभिक अध्ययनों से पता चला है कि बीए2 मूल ओमिक्रॉन की तुलना में 30 प्रतिशत तक अधिक संचरणीय हो सकता है।

10. वायरस के साथ रहना सीखना होगा
एम्स में न्यूरोलॉजी के पूर्व हेड और रांची इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मौजूदा डायरेक्टर डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि लोगों को अब कोरोना वायरस के साथ रहना सीखना होगा। प्रसाद ने कहा कि वायरस कुछ और समय तक रह सकता है। उन्होंने कहा कि इससे कहीं-कहीं कोरोना संक्रमण को मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, वैक्सीनेशन के बाद बीमार का प्रभाव और इसके गंभीर असर की क्षमता में कमी आएगी। देश में 90% से ज्यादा व्यस्क लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।

Suman kumar jha

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