*चिंता:गरीब बच्चों में लग रही मादक पदार्थों के सेवन की लत...*
नशामुक्ति और दहेज प्रथा को लेकर भले ही सरकार इन दिनों सजग है सार्वजनिक मंच से इन कुरीतियों को समाप्त कर विकास का एक नया अध्याय लिखने की कोशिश की जा रही है।वहीं दूसरी तरफ जिले में सुलेशन और अन्य मादक पदार्थ का सेवन कर अपने बचपन को बर्बाद करने वाले मासूम बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।गरीब बस्ती में रहने वाले छोटे-छोटे बच्चें अज्ञानतावश नशे का शिकार हो रहे हैं।
*छह से पंद्रह वर्ष तक के बच्चें हो रहे शिकार :*
सुलेशन जैसी चीजों से नशा करने वाले अधिकतर बच्चों की उम्र छह से पंद्रह वर्ष के बीच होती है।वैसे बच्चें जो गरीबी के कारण सुबह घर से एक बोरे को लेकर सड़कों पर कचरा बीनने निकलते हैं,उन्हें इस नशे की लत लगती जा रही है।
*बच्चों में हो रहा अपराध प्रवृत्ति का जन्म :*
नशे की लत से इन मासूमों का बचपन तो बर्बाद हो ही रहा है,साथ ही इनके अंदर अपराध की प्रवृत्ति का भी जन्म हो रहा है।नशे की चंगुल में बच्चों का मानसिक विकास रुक गया है।पैसे की जरूरत के लिए बच्चे छोटी-मोटी चोरी करने लगे हैं। कई बार लोग इन बच्चों को चोरी करते पकड़ते हैं और डांट डपट कर चले जाते हैं लेकिन जमीनी तौर पर इन्हें उचित मार्गदर्शन देने का प्रयास कहीं नहीं दिखता है।
*एक निवेदन जिला-प्रशासन से....*
खगड़िया जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक महोदय को इस बढ़ते नशे की लत और हो रहे मासुमों के जिंदगी बर्बाद पर कठोर कारवाई करने की आवश्यकता है....
1-जिले में जितने भी हार्डवेयर का दुकान है सभी को BOND GRIP-TM-XR बेचने की पाबंदी लगाने की आवश्यकता है,या फिर साईकिल पम्चर वालों को सिर्फ देने की आवश्यकता है।
2-बच्चों को देने के लिए सबसे पहले उसका आधार कार्ड या फिर उसके अभिभावक का आदेश लेनी की आवश्यकता है।
3-उसके बाद चिन्हित बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई से मिलकर ऐसे बच्चों को प्रोत्साहित कर नशे की लत छुड़ाने की आवश्यकता है।
👆🏻सुमन कुमार झा
*बिहार समाचार न्यूज़*