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खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ |
परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के किसानों एक बार फिर से यूरिया की किल्लत की समस्या से जूझना पड़ रहा है। प्रखंड के अधिकांश क्षेत्रों से यूरिया की किल्लत की समस्या सामने आ रही है। यूरिया नहीं मिलने के कारण किसान दुकानों के चक्कर काट रहे हैं। समय पर यूरिया नहीं मिलने पर किसान फसल की पैदावार पर असर पड़ने की बात कह रहे हैं।
रबी फसल की बुआई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। खरीफ का मौसम बीत गया। गेंहू की फसल में दूसरा सिंचाई आरंभ हो गया है। किसानों को एक ओर मौसम की बेरूखी का सामना करना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर खाद की किल्लत ने परेशानी बढ़ा दी है। यूरिया की किल्लत के चलते कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। बाजार में यूरिया की कमी होना किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
किसानों को खुले बाजार में भी पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसान पैदावार को लेकर चिंतत नजर आ रहे हैं। किसान जगदीश यादव, पप्पू यादव ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व गेंहू में सिंचाई हो गया है।
लेकिन यूरिया की किल्लत के चलते खेत सूख गया। यूरिया खाद का समय पर मिलना जरूरी है। किसानों को अगर खाद समय पर नहीं मिल पाता है और समय निकल जाने के बाद खेतों में खाद डाला जाता है, तो इससे अच्छी फसल तैयार नहीं हो पाती है और किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। बताते चले कि मड़ैया बाजार में रानी इंटरप्राइजेज को महज सौ बोरा यूरिया उपलब्ध कराया गया है। बुधवार को यूरिया खाद के लिए दुकान पर किसानों की लंबी भीड़ देखी गई। जहां किसान को चार बोरा यूरिया की जरूरत थी, वहीं किसान को एक बोरा यूरिया लेकर काम चलाना पड़ रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी कितना भी कहे यूरिया की किल्लत नहीं है। लेकिन धरातल पर ठीक इसके विपरीत स्थिति बनी हुई है।