खगड़िया सदर : बेला सिमरी पंचायत की मध्य विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था ज्यादा ही दयनीय होती जा रही है। 10 बजे तक भी शिक्षक स्कूल में नहीं पाते रहे हैं। जिसके चलते बच्चे स्कूल आ तो जाते हैं, लेकिन वह पढ़ने के बजाए स्कूल की साफ–सफाई करने में लगे रहते हैं। शिक्षक कुर्सी पर बैठकर आराम फरमा रहे थे। दर्जनों ग्रामीणों व स्कूल के स्टूडेंट से भी पूछने के बाद से स्कूलों का जो सच सामने आया वह बेहद ही चौकाने वाला था।
विद्यालय गेट सामने टीचर का इंतजार करते विद्यार्थी
मध्य विद्यालय बेला सिमरी के शिक्षकों की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। इन शिक्षकों के डर से विद्यार्थी मीडिया कर्मी के सामने बोलने से भी डरते हैं। विद्यार्थियों का कहना है कि अगर स्कूल के बुराई किसी के सामने करते हुए टीचर को भनक लग जाता है तो उन विद्यार्थियों को पिटाई ताबड़तोड़ करते हैं। और विद्यार्थियों को हेड मास्टर दीपक कुमार भारती विद्यालय से नाम काटने के नाम पर बच्चों को धमकाते हैं।
विद्यालय में कुशल तरीके से पठन पाठन नही कराया जाता है। हेडमास्टर के ऑफिस में बिजली व बल्ब लगा हुआ है जबकि वर्ग 1 से 8वीं तक के कमरे में बिजली पंखा की सुविधा नहीं रहने से गर्मी में बच्चो को काफी परेशानी होती है। एमडीएम में गड़बड़ी एवं हेडमास्टर की मनमानी से स्कूल के बच्चों को कई सुविधाओ से वंचित होना पर रहा है। बच्चो ने यह भी बताया की विद्यालय में कई शिक्षक ऐसे हैं जो 10:30 बजे विद्यालय ही पहुंचते हैं। खबरों के मुताबिक आपको बताते चले की इस विद्यालय में नही क्लास टीचर बदलती है और नही क्लास घंटी बजाया जाता है। कभी कभी टीचर पढ़ाई को लेकर खुद आपस में झगड़ भी जाते हैं।
सरकारी स्तर पर शिक्षा में सुधार का लाख दावा किया जाता हो, लेकिन विभागीय उदासीनता और अधिकारियों की लापरवाही के कारण शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल है। जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात बेमानी लगती है। खगड़िया जिले में कई विद्यालय इसके उदाहरण हैं। विद्यालय का हाल जानने को लेकर सुमन कुमार झा के साथ अन्य व्यक्ति लगातार बेला सिमरी के मध्य विद्यालय पहुंची। जहां के विद्यालय में सर्वथा व्यवस्था का अभाव और पठन पाठन के नाम पर केवल खानापूर्ति दिखी। एमडीएम व्यवस्था का भी बुरा हाल दिखा। आप अनुमान लगा सकते हैं कि ये विद्यालय के शिक्षक बच्चों को कितना पढ़ता होगा।