खगड़िया: जिले में लगातार सदर अस्पताल की लापरवाही सामने आने के बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का कोई ठोस कदम उठाते नहीं दिखाई दे रही है। मामला शनिवार को सुबह करीब 11ः30 बजे का है जहां सदर अस्पताल के इमर्जेंसी वार्ड के बाहर डायरिया से पीड़ित एक महिला तड़पती दिखाई दे रही थी लेकिन किसी भी अस्पताल कर्मी द्वारा उसे नहीं देखा गया। जिसके बाद हमारे संवादाता ने इस मामले को कैद में किया। जिसके बाद उक्त महिला को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही से उक्त महिला की जान भी जा सकती थी और जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगना लाजमीं हो गया है। पीड़ित महिला की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संसारपुर निवासी मुकेश कुमार की 38 वर्षीय पत्नी पूनम देवी के रूप में हुई है। वहीं पीड़ित महिला के परिजनों ने बताया कि महिला बीते चार दिनों उल्टी व दस्त की समस्या से काफी परेशान हो रही थी। जिसके बाद परिजनों के द्वारा उसे शनिवार को सदर अस्पताल लाया गया जहां पीडित महिला को इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती नहीं किया गया। जिसके कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी और वह जमीन पर छटपटाने लगी।
अस्पताल कर्मियों ने मानवता को किया तार-तार
पीड़ित महिला इमर्जेंसी वार्ड के बाहर छटपटाती देखी गई और ऐसी हाल में महिला की जान भी जा सकती थी। ऐसे में चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से मानवता तार-तार होती देखी गई। जबकि सूत्रों की मानें तो जिले का गौरव इस सदर अस्पताल खगड़िया को नीति आयोग ने बिहार में नंबर एक दर्जा दिया गया है लेकिन इसी तस्वीरें हकीकत से पर्दा उठाने का काम कर रही है। इधर इस मामले में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर योगेंद्र सिंह प्रयासी से पूछा गया तो उन्होनें बताया कि उनको इसके बारे में अभी जानकारी मिली है जल्द ही कार्रवाई की जायेगी।