डूबते को मिला तिनके का सहारा, आज भी इंसानियत जिंदा है, इशरत खातून का मानवीय मूल्य सराहनीय - किरण देव यादव*

*खगड़िया*, कौन कहता है कि इंसानियत अब समाप्त हो गया है, आज भी इंसानियत जिंदा है।

जहां एक ओर इंसानियत दम तोड़ रही है, रिश्ते नाते अपना पराया खत्म हो रहा है, वहीं कुछ ऐसे शख्सियत हैं, जिनका जमीर खुदा बख्श है। कहीं न कहीं कुछ ऐसे इंसान की इंसानियत के कारण ही आज जहान का अस्तित्व बरकरार है।

 जी हां, उपरोक्त वाक्यांश आज देखने को मिला।खगड़िया सदर प्रखंड अंतर्गत मारड़ नया टोला के मोहम्मद अब्बास की 17 वर्षीय पुत्री मोजैदा खातून ने बुखार सिर दर्द से छुटकारा पाने हेतु रखी पड़ी टेबलेट को अनजान वश मकई में देने वाली जहरीली टेबलेट को गलती से खा ली। कुछ ही देर बाद जब परेशानी महसूस होने लगा तो अम्मी को बताया कि उक्त स्थल पर रखी टेबलेट को खा लिया, तब जानकारी मिली कि जहरीली टेबलेट खा लिया है। आनन-फानन में सदर हॉस्पिटल खगड़िया में इलाज हेतु लाया गया। प्राथमिक इलाज के बाद भी स्थिति नाजुक देख कर चिकित्सक ने भागलपुर रेफर कर दिया, किंतु अत्यंत गरीब मोहम्मद अब्बास की पत्नी गुलशन खातून की जीवन मौत से जूझ रहे अपनी पुत्री को देखकर आंख से आंसू थमने का नाम नहीं ले रही थी। उसके सामने यक्ष प्रश्न था कि मरणासन्न स्थिति में इस पुत्री को कैसे भागलपुर इलाज हेतु ले जाएं, चुंकी उनके पास एक भी फूटी कौड़ी नहीं थी। किसी प्रकार प्रतिदिन मजदूरी कर दो जून की रोटी नसीब होती है, पेट भात बराबर होती है, किसी प्रकार से जीवन यापन चलता है, फिर अपने पुत्री का इलाज हेतु भागलपुर कैसे जाएं, यह सवाल सुरसा के तरह मुंह  फैला कर उसके आंखों के सामने जैसे यमराज खड़ा था। 

पीड़िता मोजैदा खातून की अम्मी जान गुलशन खातून याचक भरी नजर से हर शख्स को दया की भीख के लिए देखने को विवश थी। ऐन वक्त पर सामाजिक कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी के महिला अल्पसंख्यक सेल के प्रदेश महासचिव इशरत खातून से संपर्क हुआ तथा पंच सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष किरण देव यादव से सलाह मशविरा कर कोसी नर्सिंग होम में भर्ती करा कर इशरत खातून ने 31,000 रुपए की तत्क्षण सहयोग से डॉक्टर के द्वारा 24 घंटे कड़ी मशक्कत के बाद पीड़िता की बाल बाल जान बची।धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार हो रही है, डॉक्टर ने खतरे से बाहर बताया। हालांकि अब भी पीड़िता आईसीयू में भर्ती है।

गुलशन खातून को ऐसा लगा कि इशरत खातून के रूप में मानो जैसे अल्लाह ही आये हो। आज डूबते को तिनके का सहारा मिला। अल्लाह की लाख-लाख शुक्रिया।

वही समाजसेवी किरण देव यादव ने दरिया दिल हर दिल अजीज सदर विधायक छत्रपति यादव एवं जिलाधिकारी डॉक्टर आलोक रंजन घोष से गुलशन खातून को बेहतर इलाज हेतु आर्थिक सहयोग करने की गुहार लगाये। ताकि मोजैदा खातून को एक नई जिंदगी मिल सके। समाजसेवी किरण देव यादव ने कोसी नर्सिंग होम के संचालक से भी ऐसे निहायत गरीब गुलशन खातून को फीस एवं नर्सिंग चार्ज में अपेक्षित रियायत देने का निवेदन किया।

आज इशरत खातून यदि समय पर सहयोग नहीं कर पाती तो शायद ही मोजैदा खातून बच पाती। निश्चित तौर पर मानवीय मूल्य को समझने वाली इशरत खातून का सामाजिक दायित्व की भूमिका सराहनीय है।

साधुवाद के पात्र हैं।

Suman kumar jha

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