मुंबई : बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को आखिरकार क्रूज़ ड्रग्स केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से ज़मानत हासिल हो गई है। आर्यन के साथ ही इस मामले के दो अन्य आरोपियों अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है।मुकुल रोहतगी के अनुसार, आर्यन, अरबाज और मुनमुन, तीनों को जमानत मिलने के बाद कल या परसों रिहा किया जाएगा। आर्यन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई रिकवरी अधिकतम नहीं थी। मैं अरबाज के साथ गया था, जिनके पास 6 ग्राम थी, जिसे NCB ने साजिश के तहत कमर्शियल मात्रा जोड़ी है।जो पांच अन्य लोग कर रहे हैं वह मुझ पर लागू किया जा रहा है। जहाज पर 1300 लोग सवार थे। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मैं अरबाज और अचित आरोपी नंबर 17 को जानता था। उनके पास 2.6 ग्राम था। डीलरों के पास 2.6gms नहीं है, उनके पास 200 ग्राम है नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB कह रही है यह संयोग नहीं है। मामला यह है कि अगर यह संयोग नहीं है तो यह एक साजिश है। संयोग का साजिश से कोई लेना-देना नहीं है। यदि दो कमरे में दो लोग भोजन कर रहे हैं तो क्या आप पूरे होटल को पकड़ लेंगे?
गुरुवार को जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो NCB की ओर से जवाब देते हुए ASG अनिल सिंह ने कहा कि आर्यन पिछले कुछ वर्षों से नियमित उपभोक्ता है और रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ड्रग्स उपलब्ध करा रहा है और संदर्भ ड्रग्स की थोक मात्रा और व्यावसायिक मात्रा का है। वो ड्रग्स तस्करों के संपर्क में रहा है, इसलिए भले ही वह कब्जे में नहीं पाया जाता है लेकिन प्रयास किया जाता है तो धारा 28 लागू होगी,और अगर कोई साजिश है तो NDPS एक्ट की धारा 37 की सख्ती जमानत के लिए स्वत: लागू हो जाएगी। अदालत ने पूछा कि आप किस आधार पर कह रहे हैं कि उसने कमर्शियल मात्रा का सौदा किया है तो एएसजी ने कहा किव्हाट्सएप चैट के आधार पर मैं यह कह रहा हूं। यही नहीं, जब इन्होंने शिप को पकड़ा तो सभी के पास मल्टीपल ड्रग्स मिली, यह संयोग तो नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि एएसजी अनिल सिंह ने कहा कि फैसले बताते हैं कि NDPS एक्ट में जमानत, नियम नहीं,अपवाद है. हालांकि हाईकोर्ट ने मामले में आर्यन और दो अन्य आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।गौरतलब है कि NCB द्वारा 2 अक्टूबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद से NCB की हिरासत और बाद में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज़मानत दे दी। इससे पहले, सेशन्स कोर्ट और उससे भी पहले मजिस्ट्रेटी अदालत ने आर्यन खान को ज़मानत देने से इंकार कर दिया था, और वह पिछले 26 दिन से पहले NCB की कस्टडी और फिर जेल में ही बंद रहे हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत को लेकर मंगलवार से ही सुनवाई जारी थी। आर्यन खान की ओर से वरिष्ठ वकील व पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान के पक्ष में दलीलें रखीं थीं जबकि बुधवार को अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के वकीलों ने अपनी जिरह पूरी कर ली थी। लेकिन एनसीबी का पक्ष अभी अदालत में रखा जाना बाकी था इसलिए तीनों ही आरोपियों का जमानत का इंतजार और लंबा हो गया.इससे पहले, एनसीबी की ओर से ASG अनिल सिंह ने कहा कि आर्यन पिछले कुछ वर्षों से नियमित उपभोक्ता है और रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह ड्रग्स उपलब्ध करा रहा है और संदर्भ ड्रग्स की थोक मात्रा और व्यावसायिक मात्रा का है। वो ड्रग्स तस्करों के संपर्क में रहा है, इसलिए भले ही वह कब्जे में नहीं पाया जाता है लेकिन प्रयास किया जाता है तो धारा 28 लागू होगी,और अगर कोई साजिश है तो NDPS एक्ट की धारा 37 की सख्ती जमानत के लिए स्वत: लागू हो जाएगी। अदालत ने पूछा कि आप किस आधार पर कह रहे हैं कि उसने कमर्शियल मात्रा का सौदा किया है तो एएसजी ने कहा किव्हाट्सएप चैट के आधार पर मैं यह कह रहा हूं। यही नहीं, जब इन्होंने शिप को पकड़ा तो सभी के पास मल्टीपल ड्रग्स मिली, यह संयोग तो नहीं हो सकता।उन्होंने यह भी कहा कि एएसजी अनिल सिंह ने कहा कि फैसले बताते हैं कि NDPS एक्ट में जमानत, नियम नहीं,अपवाद है। सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यह गैइरादतन हत्या से भी जघन्य अपराध है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।